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किराए पर घर लेना VS खुद का घर खरीदना

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किराए पर घर लेना VS खुद का घर खरीदना (Renting vs. Owning a Home: What’s the Difference)

भारतियों को लेकर एक धारणा बना ली गयी है की संपत्ति मे निवेश करना उनका पहला कदम होता है। यह कहीं से भी झूठलाया नहीं जा सकता है की अपना खुद का घर लेना या बनवाना हर किसी का सपना होता है और ऐसी धारणा सिर्फ भारत के लोगों मे ही नहीं बल्कि अन्य देशों के लोगो की भी है।

मनुष्य की 3 मूलभूत आवश्यकता है रोटी, कपड़ा और मकान। व्यक्ति इन तीन आवश्यकताओं को पूरी करने के लिए ही कमाता है। बहुत से लोग इस दुविधा में रहते हैं की घर खरीदना फायदेमंद है की नहीं या फिर किराए पर ही रहना बेस्ट है। दोनों ही किसी के लिए फायदे का निवेश है तो किसी के लिए घाटे का निवेश है।

Elliott Baba से जानिए कुछ condition के बारे में जो यह बता रहे हैं की आपके के लिए क्या करना फायदेमंद होगा। बहुत सारे लोगों की यह सोच होती है की घर खुद का होना चाहिए भले ही वह लोन पर ही क्यूँ न लेना पड़े।

इसके पीछे की सोच यह होती है की जो रुपए हम rent मे खर्च कर रहे हैं उसी रुपए को monthaly EMI मे देकर धीरे-2 अपना घर बना सकते हैं। घर तभी लोन पर लें जब आपको वहाँ रहना हो ऐसा नहीं की 4-5 साल बाद कहीं और शिफ्ट होना है तो बिल्कुल भी लोन पर घर ना खरीदें।

वहीं कुछ लोगों का यह सोचना है की किराए पर रहना कहीं ज्यादे फायदेमंद है इससे EMI की tension नहीं रहती और किराया देकर जो पैसे बचते हैं उसे किसी scheme मे इन्वेस्ट करके रिटर्न मे ज्यादे पैसे कमा सकते हैं।

 

घर क्यूँ और किसे लेना चाहिए –

आमतौर पर घर उन्हें लेने की सोचनी चाहिए जिसके पास अपना एक भी घर नहीं है और पहला घर ले रहे हैं और जिनकी नौकरी स्थायी और stable income है तब जरूर खरीदें। लोन लेते समय ध्यान रखें की down payment अधिक करें और कम से कम लोन की कराएं और लोन चुकाने की अवधि कम रखें। मगर , लोन चुकाने की अवधि जितनी कम होगी EMI उतनी ही अधिक देनी पड़ेगी।

अगर आप एक घर के होम लोन 30 साल के लिए कराते हैं जिसकी कीमत 60 लाख रुपए है उसके लिए डाउन पेमेंट 20% यानि की 12% डाउन पेमेंट करना होगा। और बाकी बचे 48 लाख का लोन करना होगा।

होम लोन की EMI पर 30 साल के लिए 7.2 % की दर से आपको करीब 38 लाख का इंटरेस्ट चुकाना पड़ेगा , और 30 साल के बाद घर आपका हो जाएगा जिस घर की कीमत 60 लाख और ब्याज और बाकी खर्च जैसे घर की मरम्मत आदि को लेकर लगभग 1 करोड़ तक चुकाना होगा ।

उसी घर की कीमत 1-2 साल के बाद ही 3 से 4 करोड़ तक हो जाएगी। जिससे आपको आने वाले भविष्य मे करोड़ों का फायदा होगा।

किसे और क्यूँ किराए पर रहना चाहिए –

 

अगर आपकी कोई stable income और स्थायी नौकरी नहीं है तो किराए के घर मे रहना ही उचित विकल्प है आपके लिए। आपकी एक जगह वाली जॉब नहीं है , transferable जॉब है तो किराए के घर मे ही रहें । इसका एक फाइदा यह भी है की हर महीने EMI के बोझ से बचे रहेंगे और जो पैसे बचाएंगे उसे कहीं और इन्वेस्ट करके पैसे कमा सकते हैं ।

मान लीजिए आप किराए पर रहते हैं आपका एक महीने का किराया 12000 रुपए है तो एक साल के लिए आपको 1 लाख 44 हजार रुपए किराया चुकाना पड़ेगा तो इस हिसाब से भी आप सही कैलक्युलेशन करके 30 सालों मे लगभग 1.5 से 2 करोड़ तक पैसे बचा कर मुनाफा कमा सकते हैं ।

निष्कर्ष –

इससे यह पता चलता है आप खुद का घर खरीदें या किराए पर रहें सब कुछ निर्भर करता है आपकी income पर। आपकी जॉब security है , अच्छा earn करते हैं तो घर ले का निर्णय बहुत ही अच्छा है , वहीं अगर आप की फिक्स जॉब नहीं है , income सही नहीं है और होम लोन कराते हैं तो सिर्फ और सिर्फ ईएमआई के बोझ तले दबे रह जाएंगे और टेंशन बनी रहेगी ।

आप अपने हिसाब से खुद के लिए जो calculation करते हैं तो निम्न पहलू जैसे घर का किराया, इन्वेस्ट पर मिलने वाला इंटरेस्ट , ईएमआई की अवधि , घर की मरम्मत और कीमत आदि की बढ़ोत्तरी आदि को ध्यान मे रखते हुए करें। सभी तरह से calculation करने के बाद जो रास्ता सही है उसे चुने।

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